CHETNA, Trans Yamuna Business class 1 April 8amTO10am @Shree Ratnam
G-78 Vikas Marg Preet Vihar,
Sub.-BLOG
Bfast Chrgs:Rs500/-
Cont.Sunil Aggarwal-9899275130
Tuesday 31 March 2015
Monday 30 March 2015
Glimpses of CHETNA's Ladies & Couples Spl. Seminar 29th March'2015.
https://plus.google.com/u/0/111301306541977916807/posts/acRHgn4kWK8?pid=6131910599226257410&oid=111301306541977916807
Saturday 21 March 2015
Thursday 19 March 2015
चेतना के 15 मार्च 2015 सेमिनार को अपना सहयोग देने के लिए धन्यवाद i
चेतना के 15 मार्च 2015 सेमिनार को अपना सहयोग देने के लिए धन्यवाद
सफलता की सच्ची परिभाषा है "अपने दिव्य उद्देश्यो की निरंतर पुर्ति "। पर ये भी ज़रूरी है कि हमारे उद्देश्य चौमुखी हो और इन सभी में समन्वय भी हो।
हमारे जीवन के उद्देश्यों का पाँच क्षेत्रों मे निर्घारित होना अत्यंत आवश्यक है वे है शारीरिक, मानसिक, धार्मिक, भौतिक और सामाजिक। इन पाँचो प्रकार के उद्देश्यों की प्राप्ति में संतुलन ही "जीवन की सच्ची सफलता" है।
सफलता के लिए सबसे ज़रूरी है उसको नापने का पैमाना तय करना। हमारे सभी प्रकार के उद्देश्य लिखित होने चाहिए। इन पाँचो उद्देश्यों का लक्ष्य हमे नारों के बजाए अंकों मे बंधित करना चाहिए।
इन लक्ष्यो को पाने की समय सीमा निश्चित होनी चाहिए। सफलता लम्बे समयकाल में ही आंकी जाती है। हमे अपने जीवन का सार कम से कम पच्चीस वर्षो के परिपेक्ष में बनाना चाहिए। फिर हमे अपने जीवन के सार को पाँच पंचवर्षीय योजना मे विभाजित करना चाहिए। हर पंचवर्षीय योजना का आकंलन हमे उसमें पड़ने वाले पाँचो साल के लिए निश्चित प्रक्षेपण के आधार पर करना चाहिए। हर साल के प्रक्षेपण की पूर्ति पर नज़र उस साल मे आने वाले चारों तिमाही के लक्ष्य निर्धारित करके रखी जानी चाहिए।
इन त्रैमासिक लक्ष्यों की आपूर्ति हमे उसमें पड़ने वाले लगभग बारह हफ़्तों की कार्य योजना बना कर करनी है। साप्ताहिक कार्य योजना के आधार पर हमे एक सप्ताह मे आने वाले सातों दिन की कार्य सूची बनानी चाहिए। हर दिन की कार्य सूची के आधार पर ही हमे अगले दिन का हर धण्टा व्यतीत करना चाहिए। इस प्रकार हमारे जीवन का व्यतीत होने वाला हर पल हमारे जीवन के सार के साथ जुड़ जाएगा और हमारी दिव्य सफलता निश्चित हो जाएगी।
उद्देश्य निर्घारित हमे इस प्रकार से करना है कि हमारे लक्ष्य यथार्थ से परे न हो और उन्हे पाना संभव भी हो। पर हमे ये भी ध्यान रखना है कि हमारे ध्येय इतने आसान भी न हो कि वो हमे अपना पूरा ज़ोर लगने के लिए प्रेरित न करे।
उद्देश्य की पुर्ति का आकंलन करने के लिए हमे अपने पथप्रदर्शक का चुनाव करना बहुत ही आवश्यक है ये व्यक्ति ही हमारी सफलता का आंकलन करेगा और समय समय पर हमे चेतावनी या सुझाव देगा।
सफलता प्राप्ति हेतु निम्नलिखित पाँच उद्देश्यों की पूर्ति पर बराबरी का ध्यान देना ज़रूरी है :-
शारीरिक लक्ष्य : स्वस्थ शरीर सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है। अच्छी सेहत के बिना किसी भी कार्य मे या जीवन में सफलता प्राप्त करना नामुमकिन है। हमे निर्धारित करना होगा की हमारी दिनचर्या क्या होगी। हम योग व्यायाम कब और कितना करेगे, हम कब सोयेंगे और कब उठेंगे, हम कब और कैसे खानपान करेंगे, हमारा भोजन क्या होगा और कैसे पकेगा, हम कब और कितना विश्राम करेगे, हम कब और कितना कार्य करेगे। जैसे की हम वज़न का लक्ष्य अंकित कर सकते है।
मानसिक लक्ष्य : सफलता के लिए शरीर के साथ साथ हमारा मानसिक संतुलन भी अतिआवश्यक है। हमारी सफलता हमारे उत्साह और निर्णयों पर ही निर्भर करती है। मानसिक उत्थान के लिए हमे निरन्तर ज्ञान अर्जन करते रहना चाहिए। हम सैदव किसी न किसी गुरू के सानिध्य मे अवश्य रहे और जीवनभर कक्षा को न छोड़े।
धार्मिक लक्ष्य : सफलता के लिए ज़रूरी है कि हमारे कड़े धार्मिक ध्येय हो। हम अपनी स्थिति मे लगभग संतुष्ट हो और औरों से बहुत कम अपेक्षा रखे। हम समस्त सृष्टि का आदर करे। हम पृथ्वी पर पेड़ पौधों का तथा पशु पक्षीओं का संरक्षण करे। हम वायु, जल और धरती को प्रदुषण से बचाए।
भौतिक लक्ष्य : सफलता के लिए भौतिक घ्येय अंकित करना भी अति आवश्यक है। सफलता के लिए पूंजी अावयश्क भी है और उसका परिणाम भी है। अपनी कड़ी मेहनत से अर्जित की गयी सफलता के बाद मे मिले भौतिक साधन ही हमे सच्चे सुख की अनुभूति देते है। उदाहरण के तौर पर हम ये निश्चित करे की हमे कब अपना धर बनाना है या भविष्य के लिए कितनी बचत करनी है आदि।
सामाजिक लक्ष्य : सफलता बिना सामाजिक समन्वय के निरर्थक है। हमारे अन्तरमन में समाज और देश के प्रति प्रेम हो तथा उत्तरदायित्व भी हो। हमे अपने संपर्क मे आने वाले लोगों पर क्रोध और जलन से बचना चाहिए। हमे ज़रूरतमंद को दान देने में, कमज़ोर का सहारा बनने में और पापीयों को क्षमा करने में सदा अग्रसर रहना चाहिए। हम अपने अन्तरमन में औरों के प्रति अपने वात्सल्य को बढ़ाए और हमे दुसरो से भी बराबर का स्नेह प्राप्त हो। ये आपसी सद्भावना ही सफलता का सबसे बड़ा पैमाना है।
सोचो की जिस दिन किसीका व्यापार शिखर पर हो पर उसकी बिमारी से अकाल मृत्यु हो जाए है या किसीको प्रमोशन मिलने वाले वाले दिन ही उसका तलाक़ हो जाए। किसी का बड़ा घर हो पर नींद न आए। किसी एक उद्देश्य पर ज़ोर और बाक़ी उद्देश्य पर उदासीनता हमे सच्ची सफलता से दूर ले जाती है।
हम सब भली भाँति समझ ले की सभी उद्देश्यों की पुर्ति मे समन्वयता ही "सच्ची सफलता" है I
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सफलता की सच्ची परिभाषा है "अपने दिव्य उद्देश्यो की निरंतर पुर्ति "। पर ये भी ज़रूरी है कि हमारे उद्देश्य चौमुखी हो और इन सभी में समन्वय भी हो।
हमारे जीवन के उद्देश्यों का पाँच क्षेत्रों मे निर्घारित होना अत्यंत आवश्यक है वे है शारीरिक, मानसिक, धार्मिक, भौतिक और सामाजिक। इन पाँचो प्रकार के उद्देश्यों की प्राप्ति में संतुलन ही "जीवन की सच्ची सफलता" है।
सफलता के लिए सबसे ज़रूरी है उसको नापने का पैमाना तय करना। हमारे सभी प्रकार के उद्देश्य लिखित होने चाहिए। इन पाँचो उद्देश्यों का लक्ष्य हमे नारों के बजाए अंकों मे बंधित करना चाहिए।
इन लक्ष्यो को पाने की समय सीमा निश्चित होनी चाहिए। सफलता लम्बे समयकाल में ही आंकी जाती है। हमे अपने जीवन का सार कम से कम पच्चीस वर्षो के परिपेक्ष में बनाना चाहिए। फिर हमे अपने जीवन के सार को पाँच पंचवर्षीय योजना मे विभाजित करना चाहिए। हर पंचवर्षीय योजना का आकंलन हमे उसमें पड़ने वाले पाँचो साल के लिए निश्चित प्रक्षेपण के आधार पर करना चाहिए। हर साल के प्रक्षेपण की पूर्ति पर नज़र उस साल मे आने वाले चारों तिमाही के लक्ष्य निर्धारित करके रखी जानी चाहिए।
इन त्रैमासिक लक्ष्यों की आपूर्ति हमे उसमें पड़ने वाले लगभग बारह हफ़्तों की कार्य योजना बना कर करनी है। साप्ताहिक कार्य योजना के आधार पर हमे एक सप्ताह मे आने वाले सातों दिन की कार्य सूची बनानी चाहिए। हर दिन की कार्य सूची के आधार पर ही हमे अगले दिन का हर धण्टा व्यतीत करना चाहिए। इस प्रकार हमारे जीवन का व्यतीत होने वाला हर पल हमारे जीवन के सार के साथ जुड़ जाएगा और हमारी दिव्य सफलता निश्चित हो जाएगी।
उद्देश्य निर्घारित हमे इस प्रकार से करना है कि हमारे लक्ष्य यथार्थ से परे न हो और उन्हे पाना संभव भी हो। पर हमे ये भी ध्यान रखना है कि हमारे ध्येय इतने आसान भी न हो कि वो हमे अपना पूरा ज़ोर लगने के लिए प्रेरित न करे।
उद्देश्य की पुर्ति का आकंलन करने के लिए हमे अपने पथप्रदर्शक का चुनाव करना बहुत ही आवश्यक है ये व्यक्ति ही हमारी सफलता का आंकलन करेगा और समय समय पर हमे चेतावनी या सुझाव देगा।
सफलता प्राप्ति हेतु निम्नलिखित पाँच उद्देश्यों की पूर्ति पर बराबरी का ध्यान देना ज़रूरी है :-
शारीरिक लक्ष्य : स्वस्थ शरीर सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है। अच्छी सेहत के बिना किसी भी कार्य मे या जीवन में सफलता प्राप्त करना नामुमकिन है। हमे निर्धारित करना होगा की हमारी दिनचर्या क्या होगी। हम योग व्यायाम कब और कितना करेगे, हम कब सोयेंगे और कब उठेंगे, हम कब और कैसे खानपान करेंगे, हमारा भोजन क्या होगा और कैसे पकेगा, हम कब और कितना विश्राम करेगे, हम कब और कितना कार्य करेगे। जैसे की हम वज़न का लक्ष्य अंकित कर सकते है।
मानसिक लक्ष्य : सफलता के लिए शरीर के साथ साथ हमारा मानसिक संतुलन भी अतिआवश्यक है। हमारी सफलता हमारे उत्साह और निर्णयों पर ही निर्भर करती है। मानसिक उत्थान के लिए हमे निरन्तर ज्ञान अर्जन करते रहना चाहिए। हम सैदव किसी न किसी गुरू के सानिध्य मे अवश्य रहे और जीवनभर कक्षा को न छोड़े।
धार्मिक लक्ष्य : सफलता के लिए ज़रूरी है कि हमारे कड़े धार्मिक ध्येय हो। हम अपनी स्थिति मे लगभग संतुष्ट हो और औरों से बहुत कम अपेक्षा रखे। हम समस्त सृष्टि का आदर करे। हम पृथ्वी पर पेड़ पौधों का तथा पशु पक्षीओं का संरक्षण करे। हम वायु, जल और धरती को प्रदुषण से बचाए।
भौतिक लक्ष्य : सफलता के लिए भौतिक घ्येय अंकित करना भी अति आवश्यक है। सफलता के लिए पूंजी अावयश्क भी है और उसका परिणाम भी है। अपनी कड़ी मेहनत से अर्जित की गयी सफलता के बाद मे मिले भौतिक साधन ही हमे सच्चे सुख की अनुभूति देते है। उदाहरण के तौर पर हम ये निश्चित करे की हमे कब अपना धर बनाना है या भविष्य के लिए कितनी बचत करनी है आदि।
सामाजिक लक्ष्य : सफलता बिना सामाजिक समन्वय के निरर्थक है। हमारे अन्तरमन में समाज और देश के प्रति प्रेम हो तथा उत्तरदायित्व भी हो। हमे अपने संपर्क मे आने वाले लोगों पर क्रोध और जलन से बचना चाहिए। हमे ज़रूरतमंद को दान देने में, कमज़ोर का सहारा बनने में और पापीयों को क्षमा करने में सदा अग्रसर रहना चाहिए। हम अपने अन्तरमन में औरों के प्रति अपने वात्सल्य को बढ़ाए और हमे दुसरो से भी बराबर का स्नेह प्राप्त हो। ये आपसी सद्भावना ही सफलता का सबसे बड़ा पैमाना है।
सोचो की जिस दिन किसीका व्यापार शिखर पर हो पर उसकी बिमारी से अकाल मृत्यु हो जाए है या किसीको प्रमोशन मिलने वाले वाले दिन ही उसका तलाक़ हो जाए। किसी का बड़ा घर हो पर नींद न आए। किसी एक उद्देश्य पर ज़ोर और बाक़ी उद्देश्य पर उदासीनता हमे सच्ची सफलता से दूर ले जाती है।
हम सब भली भाँति समझ ले की सभी उद्देश्यों की पुर्ति मे समन्वयता ही "सच्ची सफलता" है I
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Friday 13 March 2015
Sunday 8 March 2015
CHETNA's upcoming seminars in the month of MARCH'2015
15TH MARCH '2015, SUNDAY ONE DAY SEMINAR@HOTEL CROWNE PLAZA,ROHINI, NEAR RITHALA METRO STATION
MOTIVATIONAL BUSINESS SEMINAR"EXPLORE YOURSELF BEYOND LIMITS"
BY OUR RENOWNED FACULTY :
1. Astro Uncle Pawan Sinha(
Aaj Tak)
2. Praveen Narang
(Life Skill Trainer And Faculty Of Institute Of Chartered Accountants Of
India & Institute Of Companies Secretary Of India)
3. Kavi &
Insurance Agent Rajesh Chetan
29TH MARCH '2015,SUNDAY @HOTEL CROWNE PLAZA,ROHINI, NEAR RITHALA METRO STATION
AFTER GREAT SUCCESS OF LADIES SPECIAL SEMINAR(6TH FEB.'15)
A "LADIES/COUPLE SPECIAL-MULTIDIMENSIONAL DEVELPOMENT" ONE DAY SEMINAR BY INTERNATIONAL MOTIVATIONAL SPEAKERS:
1. Prof. Binay kumar(former director-HR NHPC &
PGCIL)
2. Dazy Varun(Behaviorial Expert)
3. Kavi Rajesh Agarwal( A Professional Who Turned
Into Poet & Speaker)
CONTACT: 9711607171
Saturday 7 March 2015
Monday 2 March 2015
15 March Sunday Seminar, "EXPLORE YOURSELF & RISE BEYOND LIMITS" at Hotel Crowne Plaza, Rohini near Rithala Metro Station From 9AM TO 6PM
After grand success of two seminars February 2015, in which
170 delegates participated to raise their dynamism, efficiency &
happiness.
CHETNA - Centre of Business Execellence is now organizing a
motivational seminar "EXPLORE YOURSELF & RISE BEYOND LIMITS" at
Hotel Crowne Plaza, Rohini near Rithala Metro Station on March 15 Sunday
from 9.00AM to 6.00PM. Attendence fee including lunch & snacks is
Rs2500/-.
Sh Pawan Sinha (Astro Uncle) & Sh Praveen Narang will
help you to explore yourself & rise to new heights in Inner self,
family space, social arena & commercial world.
9.00 - 9.30 sumptuous breakfast snacks & tea
9.30 - 10.00 Introduction of participants to CHETNA team & coach.
10am -11.30 noon Ist Session
11.30-11.45 Tea & biscuit
11.45 - 1.15 2nd Session
1.15 - 1.45 Sumptous Buffet lunch specially prepared by Master Chef of Hotel Crowne Plaza.
1.45 - 2.00 Siesta with light music
2.00 - 3.30 3rd Session
3.30 -3.45 High Tea with Biscuit.
3.45 - 5.15 IV Session.
5.15-5.30 Closing Ceremony.
5.30 - 6.00 Snack & Tea with interaction among participant.
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